निकला था उन सितारों की चाह मैं,
छोड़ आया कुछ ख्यहिशे उस राह मै।
पहुंच तो गया उन् सितारों तक मगर,
ढूढ़ता हूँ उन् पुरानी ख्वाहिसों को उधर। — निकला था उन सितारों की चाह मैं,
छोड़ आया कुछ ख्यहिशे उस राह मै।
पहुंच तो गया उन् सितारों तक मगर,
ढूढ़ता हूँ उन् पुरानी ख्वाहिसों को उधर। अब बेब्बसी बन गयी है ज़िन्दगी मेरी,
क्युकी चाहतों ने युही ठुकरा दिया।
सुलगती है दिल मैं इन् चाहतों की चिंगारी कही,
पर बेबसी…